Rani Sati Aarti जय श्री रानी सती मैया श्री रानी सती की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। रानी सती की यह प्रसिद्ध आरती श्री रानी सती से संबंधित अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है। ShrijiDham
Rani Sati Aarti | जय श्री राणी सती मैया
॥ श्री राणी सती जी की आरती ॥
जय श्री राणी सती मैया, जय जगदम्ब सती जी।
अपने भक्तजनों की दूर करो विपती॥
जय श्री राणी सती मैया।
अपनि अनन्तर ज्योति अखण्डित, मंडित चहुँक कूंभा।
दुरजन दलन खडग की, विद्युत सम प्रतिभा॥
जय श्री राणी सती मैया।
मरकत मणि मन्दिर अति मंजुल, शोभा लखि न बड़े।
ललित ध्वजा चहुँ ओर, कंचन कलश धरे॥
जय श्री राणी सती मैया।
घण्टा घनन घड़ावल बाजत, शंख मृदंग घुरे।
किन्नर गायन करते, वेद ध्वनि उचरे॥
जय श्री राणी सती मैया।
सप्त मातृका करें आरती, सुरगम ध्यान धरे।
विविध प्रकार के व्यंजन, श्री फल भेंट धरे॥
जय श्री राणी सती मैया।
संकट विकट विदारणी, नाशनी हो कुमति।
सेवक जन हृदय पटले, मृदुल करन सुमति॥
जय श्री राणी सती मैया।
अमल कमल दल लोचनी, मोचनी त्रय तापा।
दास आयो शरण आपकी, लाज रखो माता॥
जय श्री राणी सती मैया।
श्री राणीसती मैयाजी की आरती जो कोई नर गावे
सदनसिद्धि नवनिधि, मनवांछित फल पावे॥
जय श्री राणी सती मैया।
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FaQs About Rani Sati Aarti
रानी सती किसकी कुलदेवी है?
पवन झुनझुनवाला ने बताया कि राणी सती उनकी कुलदेवी हैं।
रानी सती क्यों प्रसिद्ध है?
कहानियों के अनुसार एक युद्ध के दौरान नारायणी देवी/रानी सती के पति की मौत हो जाती है जिसके बाद वो भी सती हो जाती है। धीरे-धीरे लोग इन्हें आदि शक्ति का रूप मनाने लगे और रानी सती के रूप में पूजा जाने लगा।
रानी सती के बचपन का नाम क्या था?
बचपन– इनका नाम नारायाणी बाई रखा गया था।