Hanuman Ashtak | हनुमान अष्टक | Hanuman Ashtakam | Hariharan Sankatmochan Hanuman Ashtak Lyrics

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Hanuman Ashtak : महाबली हनुमान एकमात्र ऐसे देवता हैं जो आज भी धरती पर सशरीर विद्यमान हैं। इन्हें भगवान शिव का 11वां रुद्रावतार माना जाता है।

माना जाता है कि हनुमान जी की कृपा से सभी संकट पल भर में दूर हो जाते हैं, इसलिए इन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है। Shrijidham

हनुमान जी द्वारा बड़े-बड़े पर्वतों को उठाने, समुद्रों को पार करने और भगवान के कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की पूजा के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है।

इस दिन हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। अगर आप किसी चिंता से पीड़ित हैं या समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो हर मंगलवार हनुमान अष्टक(Hanuman Ashtak) का पाठ करें।

इससे आपको आश्चर्यजनक लाभ होगा. यहां हनुमान अष्टक(Hanuman Ashtak) मंत्र और लाभ दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप पढ़ सकते हैं.

Hariharan Sankatmochan Hanuman Ashtak | को नहिं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो

Hanuman Ashtak

॥ संकट मोचन हनुमानाष्टक ॥

॥ मत्तगयन्द छन्द ॥

बाल समय रवि भक्षि लियो तब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो।

ताहि सों त्रास भयो जग को यह संकट काहु सों जात न टारो।

देवन आनि करी बिन ती तब छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो।

को नहिं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो॥1॥

बालि की त्रास कपीस बसै गिरि जात महाप्रभु पंथ निहारो।

चौंकि महा मुनि साप दियो तब चाहिय कौन बिचार बिचारो।

कै द्विज रूप लिवाय महा प्रभुसो तुम दास के सोक निवारो।

को नहिं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो॥2॥

अंगद के सँग लेन गये सिय खोज कपीस यह बैन उचारो।

जीवत ना बचिहौ हम सो जु बिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो।

हेरि थके तट सिंधु सबै तब लाय सिया-सुधि प्रान उबारो।

को नहिं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो॥3॥

रावन त्रास दई सिय को सब राक्षसि सों कहि सोक निवारो।

ताहि समय हनुमान महा प्रभुजाय महा रजनीचर मारो।

चाहत सीय असोक सों आगि सुदै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।

को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥4॥

बान लग्यो उर लछिमन केतब प्रान तजे सुत रावन मारो।

लै गृह बैद्य सुषेन समेत तबै गिरि द्रोन सु बीर उपारो।

आनि सजीवन हाथ दई तब लछिमन के तुम प्रान उबारो।

को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥5॥

रावन जुद्ध अजान कियो तब नाग कि फाँस सबै सिर डारो।

श्रीरघुनाथ समेत सबै दल मोह भयो यह संकट भारो।

आनि खगेस तबै हनुमान जु बंधन काटि सुत्रास निवारो।

को नहिं जानत है जग मेंकपि संकटमोचन नाम तिहारो॥6॥

बंधु समेत जबै अहिरावन लै रघुनाथ पताल सिधारो।

देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो।

जाय सहाय भयो तब ही अहिरावन सैन्य समेत सँहारो।

को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥7॥

काज कियो बड़ देवन के तुम बीर महाप्रभु देखि बिचारो।

कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुमसों नहिं जात है टारो।

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु जो कुछ संकट होय हमारो।

को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥8॥

॥ दोहा ॥

लाल देह लाली लसे, अरू धरि लाल लँगूर।

बज्र देह दानव दलन, जय जय कपि सूर॥

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FaQs About Hariharan Sankatmochan Hanuman Ashtak

क्या हनुमान अष्टक रोज पढ़ना चाहिए?

अगर कोई व्यक्ति शत्रु से या फिर किसी अन्य भय से विचलित है तो मंगलवार के दिन नियमित रूप से हनुमान अष्टक(Hanuman Ashtak) का पाठ करें. हनुमान अष्टक का पाठ बहुत लाभकारी होना चाहिए.

हनुमान अष्टक पढ़ने से क्या लाभ होता है?

संकटमोचन हनुमानाष्टक(Hanuman Ashtak) का पाठ करने से व्यक्ति को अपनी हर बाधा और पीड़ा से मुक्ति मिलने के साथ उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं.

हनुमान अष्टक का पाठ कब करना चाहिए?

गर आप हर दिन हनुमान चालीसा और हनुमान अष्टक(Hanuman Ashtak) का पाठ नहीं कर पाते हैं तो मंगलवार और शनिवार को जरूर हनुमानष्टक का पाठ करें। 

हनुमान जी का कौन सा मंत्र सिद्ध करें?

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्

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