Mahavir Aarti ओम जय महावीर प्रभु श्री महावीर की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। श्री महावीर की यह प्रसिद्ध आरती श्री महावीर से संबंधित अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है। ShrijiDham
Mahavir Aarti | जय महावीर प्रभो
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॥ श्री महावीर आरती ॥
जय महावीर प्रभो!, स्वामी जय महावीर प्रभो!।
जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो॥
ॐ जय महावीर प्रभु ।
कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये।
पिता सिद्धार्थ राजा, सुर नर हर्षाए॥
ॐ जय महावीर प्रभु ।
दीनानाथ दयानिधि, हैं मंगलकारी।
जगहित संयम धारा, प्रभु परउपकारी॥
ॐ जय महावीर प्रभु ।
पापाचार मिटाया, सत्पथ दिखलाया।
दयाधर्म का झण्डा, जग में लहराया॥
ॐ जय महावीर प्रभु ।
अर्जुनमाली गौतम, श्री चन्दनबाला।
पार जगत से बेड़ा, इनका कर डाला॥
ॐ जय महावीर प्रभु ।
पावन नाम तुम्हारा, जगतारणहारा।
निसिदिन जो नर ध्यावे, कष्ट मिटे सारा॥
ॐ जय महावीर प्रभु ।
करुणासागर! तेरी, महिमा है न्यारी।
ज्ञानमुनि गुण गावे, चरणन बलिहारी॥
ॐ जय महावीर प्रभु ।
| Mahavir Aarti End |
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FaQs About Mahavir Aarti
महावीर स्वामी का प्रतीक क्या है?
महावीर के पिता का नाम सिद्धार्थ था जो ग्यात्रिक क्षत्रिय के प्रमुख थे। महावीर का प्रतीक सिंह था।
महावीर का उद्देश्य क्या है?
सत्य और अहिंसा के पथ पर चलने का ज्ञान दिया.
क्या महावीर आत्मा को मानते थे?
उन्होंने शिष्यों से कहा, अहिंसा, संयम, तप, क्षमा और स्वाध्याय से आत्मा शुद्ध होती है।
महावीर स्वामी का दूसरा नाम क्या था?
उनके बचपन का नाम वर्धमान था