Baglamukhi aarti | बगलामुखी आरती | Baglamukhi Mata aarti | Baglamukhi aarti lyrics | maa baglamukhi aarti |

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Baglamukhi aarti जय बगलामुखी माता, माँ बगलामुखी की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। माँ बगलामुखी की यह प्रसिद्ध आरती माँ बगलामुखी जी से संबंधित अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है। ShrijiDham

Baglamukhi aarti | जय जय श्री बगलामुखी माता

Baglamukhi aarti

॥ श्री बगलामुखी माता जी की आरती ॥

जय जय श्री बगलामुखी माता,आरति करहुँ तुम्हारी। x2

पीत वसन तन पर तव सोहै,कुण्डल की छबि न्यारी॥

कर-कमलों में मुद्गर धारै,अस्तुति करहिं सकल नर-नारी॥

जय जय श्री बगलामुखी माता…।

चम्पक माल गले लहरावे,सुर नर मुनि जय जयति उचारी॥

त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,भक्ति सदा तव है सुखकारी॥

जय जय श्री बगलामुखी माता…।

पालत हरत सृजत तुम जग को,सब जीवन की हो रखवारी॥

मोह निशा में भ्रमत सकल जन,करहु हृदय महँ, तुम उजियारी॥

जय जय श्री बगलामुखी माता…।

तिमिर नशावहु ज्ञान बढ़ावहु,अम्बे तुमही हो असुरारी॥

सन्तन को सुख देत सदा ही,सब जन की तुम प्राण पियारी॥

जय जय श्री बगलामुखी माता…।

तव चरणन जो ध्यान लगावै,ताको हो सब भव-भयहारी॥

प्रेम सहित जो करहिं आरती,ते नर मोक्षधाम अधिकारी॥

जय जय श्री बगलामुखी माता…।

॥ दोहा ॥

बगलामुखी की आरती,पढ़ै सुनै जो कोय।

विनती कुलपति मिश्र की,सुख-सम्पति सब होय॥

| Baglamukhi aarti End |

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