Bajrang Baan बजरंग बाण भगवान हनुमान को समर्पित सबसे लोकप्रिय भक्ति गीत है। भगवान हनुमान का यह प्रसिद्ध गीत भगवान हनुमान से संबंधित अधिकांश अवसरों पर सुनाया जाता है और इसकी रचना हनुमान चालीसा के समान है। बजरंग बाण का शाब्दिक अर्थ बजरंग बली या भगवान हनुमान का बाण है।
Bajrang Baan | जय हनुमन्त सन्त हितकारी
॥ श्री बजरंग बाण दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करै सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥
॥ बजरंग बाण चौपाई ॥
जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा॥
बाग उजारि सिन्धु महं बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुर पुर महं भई॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहुं उर अन्तर्यामी॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दु:ख करहुं निपाता॥
जय गिरिधर जय जय सुख सागर। सुर समूह समरथ भटनागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो॥
ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो॥
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा॥
सत्य होउ हरि शपथ पायके। रामदूत धरु मारु धाय के॥
जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दु:ख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं। तुमरे बल हम डरपत नाहीं॥
पाय परौं कर जोरि मनावों। यह अवसर अब केहि गोहरावों॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता। शंकर सुवन धीर हनुमन्ता॥
बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल काल मारीमर॥
इन्हें मारु तोहि शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
जनकसुता हरि दास कहावो। ताकी शपथ विलम्ब न लावो॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दु:ख नाशा॥
चरण शरण करि जोरि मनावों। यहि अवसर अब केहि गोहरावों॥
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चञ्चल। ॐ सं सं सहम पराने खल दल॥
अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो॥
यहि बजरंग बाण जेहि मारो। ताहि कहो फिर कौन उबारो॥
पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की॥
यह बजरंग बाण जो जापै। तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे॥
धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहे कलेशा॥
॥ बजरंग बाण दोहा ॥
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥
| Bajrang Baan End |
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FaQs Bajrang Baan
बजरंग बाण कैसे पढ़ना चाहिए?
बजरंग बाण(Bajrang Baan) का पाठ कुश के आसन पर बैठकर करें. ये पाठ शुद्ध उच्चारण के साथ और एक बार में ही पूरा करने का विधान है.
बजरंग बाण का पाठ कितने बजे करना चाहिए?
बजरंग बाण का पाठ रात्रि 11 बजे से 1 बजे के बीच करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
बजरंग बाण का पाठ कौन कर सकता है?
इसका प्रयोग किसी अत्यंत अभिष्ट कार्य के लिए भी किया जाता है मगर इसमें सावधानी रखने की जरूरत होती है।
बजरंग बाण कितने दिन में सिद्ध होता है?
Bajrang Baan मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कम से कम 41 दिनों तक इसका पाठ जरूर करें.
क्या मैं बजरंग बाण रोज पढ़ सकता हूं?
यह अनुशंसा की जाती है कि बजरंग बाण(Bajrang Baan) का उपयोग केवल सबसे गंभीर / गंभीर स्थितियों के दौरान किया जाए, न कि रोजमर्रा की प्रार्थनाओं के हिस्से के रूप में (इसके लिए, हनुमान चालीसा है)।
हनुमान चालीसा और बजरंग बाण में क्या अंतर है?
हनुमान चालीसा से घर में सुख शांति और समृद्धि आती हैं और भूत भगाने का काम भी करता है हनुमान चालीसा। बजरंग बाण भी सेम काम करता है। इसलिए दोनों को पढ़ने से एक ही फल प्राप्त होता हैं।