Bhagirathi Ji Ki Aarti जय जय भगीरथानंदिनी गंगा माता की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती गंगा माता से जुड़े अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है। ShrijiDham
Jai Jai Bhagirathi Nandini | Bhagirathi Ji Ki Aarti

॥ गंगा माता आरती ॥
जय जय भगीरथनन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दिनि,
नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि, जय जह्नुबालिका।
जय जय भगीरथनन्दिनि…।
विष्णु-पद-सरोजजासि, ईस-सीस पर बिभासि,
त्रिपथगासि, पुन्यरासि, पाप-छालिका॥
जय जय भगीरथनन्दिनि…।
बिमल बिपुल बहसि बारि,सीतल त्रयताप-हारि,
भँवर बर बिभन्गतरतरन्ग-मालिका।
जय जय भगीरथनन्दिनि…।
पुरजन पूजोपहार सोभितससि धवल धार,
भंजन भव-भार,भक्ति-कल्प थालिका॥
जय जय भगीरथनन्दिनि…।
निज तट बासी बिहन्ग,जल-थल-चर पसु-पतन्ग,
कीट, जटिल तापस,सब सरिस पालिका।
जय जय भगीरथनन्दिनि…।
तुलसी तव तीर तीरसुमिरत रघुवन्स-बीर,
बिचरत मति देहिमोह-महिष-कालिका॥
जय जय भगीरथनन्दिनि…।
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