Bhagwat Aarti जय भगवद गीते श्रीमद्भगवद गीता की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। भगवद गीता की इस प्रसिद्ध आरती का पाठ गीता जयंती और श्रीमद्भगवद गीता से संबंधित अन्य अवसरों पर किया जाता है। Shrijidham
Bhagwat Aarti | जय भगवद् गीते
॥ श्रीमद भगवद गीता आरती ॥
जय भगवद् गीते,माताा जय भगवद् गीते।
हरि हिय कमल विहारिणि सुन्दर सुपुनीते॥
जय भगवद् गीते, माताा जय..॥
कर्म सुमर्म प्रकाशिनि कामासक्तिहरा।
तत्त्वज्ञान विकाशिनि विद्या ब्रह्म परा॥
जय भगवद् गीते, माताा जय..॥
निश्चल भक्ति विधायिनि निर्मल मलहारी।
शरण रहस्य प्रदायिनि सब विधि सुखकारी॥
जय भगवद् गीते, माताा जय..॥
राग द्वेष विदारिणि कारिणि मोद सदा।
भव भय हारिणि तारिणि परमानन्दप्रदा॥
जय भगवद् गीते, माताा जय..॥
आसुर-भाव-विनाशिनि नाशिनि तम रजनी।
दैवी सद्गुण दायिनि हरि-रसिका सजनी॥
जय भगवद् गीते, माताा जय..॥
समता त्याग सिखावनि, हरिमुख की बानी।
सकल शास्त्र की स्वामिनि, श्रुतियों की रानी॥
जय भगवद् गीते, माताा जय..॥
दया-सुधा बरसा वनिमातु! कृपा कीजै।
हरिपद प्रेम दान कर अपनो कर लीजै॥
जय भगवद् गीते, माताा जय..॥
जय भगवद् गीते, माताा जय भगवद् गीते।
हरि हिय कमल-विहारिणि सुन्दर सुपुनीते॥
जय भगवद् गीते, माताा जय..॥
| Bhagwat Aarti End |
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FaQs About Bhagwat Aarti
भागवत कथा क्यों सुननी चाहिए?
अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी।
भागवत कथा कराने से क्या होता है?
प्रत्येक मनुष्य को भागवत की संपूर्ण कथा का श्रवण करना चाहिए। भागवत से भक्ति एवं भक्ति से शक्ति की प्राप्ति होती है तथा जन्म जन्मांतर के सारे विकार नष्ट होते हैं। शुद्धिकरण होता है।
श्रीमद् भागवत कथा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य भक्ति मार्ग या योग है।