Bhairav Aarti | भैरव आरती | Bhairav JI Ki Aarti | Lord Bhairava Aarti | Bhairav Ji ki Aarti Lyrics

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Bhairav JI Ki Aarti सुनो जी भैरव लाडिले भगवान भैरव की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। भगवान भैरव की यह प्रसिद्ध Bhairav JI Ki Aarti भगवान भैरव से संबंधित अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है। Shrijidham

Bhairav JI Ki Aarti | Suno Ji Bhairav Ladile | सुनो जी भैरव लाड़िले |

Bhairav JI Ki Aarti

॥ श्री भैरव आरती ॥

सुनो जी भैरव लाड़िले, कर जोड़ कर विनती करूँ।

कृपा तुम्हारी चाहिए, मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ।

मैं चरण छुता आपके, अर्जी मेरी सुन लीजिये॥

सुनो जी भैरव लाड़िले॥

मैं हूँ मति का मन्द, मेरी कुछ मदद तो कीजिये।

महिमा तुम्हारी बहुत, कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥

सुनो जी भैरव लाड़िले॥

करते सवारी स्वान की, चारों दिशा में राज्य है।

जितने भूत और प्रेत, सबके आप ही सरताज हैं॥

सुनो जी भैरव लाड़िले॥

हथियार हैं जो आपके, उसका क्या वर्णन करूँ।

माता जी के सामने तुम, नृत्य भी करते सदा॥

सुनो जी भैरव लाड़िले॥

गा गा के गुण अनुवाद से, उनको रिझाते हो सदा।

एक सांकली है आपकी, तारीफ उसकी क्या करूँ॥

सुनो जी भैरव लाड़िले॥

बहुत सी महिमा तुम्हारी, मेंहदीपुर सरनाम है।

आते जगत के यात्री, बजरंग का स्थान है॥

सुनो जी भैरव लाड़िले॥

श्री प्रेतराज सरकार के, मैं शीश चरणों में धरूँ।

निशदिन तुम्हारे खेल से, माताजी खुश रहें॥

सुनो जी भैरव लाड़िले॥

सिर पर तुम्हारे हाथ रख कर, आशीर्वाद देती रहें।

कर जोड़ कर विनती करूँ, अरु शीश चरणों में धरूँ॥

सुनो जी भैरव लाड़िले॥

| Bhairav JI Ki Aarti |

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Faqs About Bhairav JI Ki Aarti

भैरव जी को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। भगवान काल भैरव को काले तिल,उड़द और सरसों का तेल का दीपक अर्पित करना चाहिए साथ ही मंत्रों के जाप के साथ ही उनकी विधिवत पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है।

भैरव (Bhairav JI Ki Aarti) की पूजा करने से क्या होता है?

भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करते हैं। साथ ही काल भैरव की पूजा से अमोघ फल की प्राप्ति होती है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।

काल भैरव (Bhairav JI Ki Aarti) और भैरवनाथ में क्या अंतर है?

काल भैरव को भैरवनाथ का युवा रूप तो बटुक भैरव को भैरवनाथ का बाल रूप कहा गया है।

काल भैरव का पसंदीदा भोजन क्या है?

घी स्नान (अभिषेक), लाल फूल, घी का दीपक, अखंडित नारियल, शहद, उबला हुआ भोजन, रेशेदार फल आदि।

भैरव जी का मंत्र कौन सा है?

ओम कालभैरवाय नम:। ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ओम भ्रं कालभैरवाय फट्। जय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।

काल भैरव अच्छा है या बुरा?

जब भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है और उनका आह्वान किया जाता है, तो वे उपासक को बुरे समय को अच्छे समय में बदलने का आशीर्वाद देते हैं। वह भक्तों को उनके लक्ष्य हासिल करने में उनके समय का सदुपयोग करने में मदद करते हैं।

काल भैरव को शराब क्यों चढ़ाई जाती है?

मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव तामसिक प्रवृति के देवता माने जाते हैं। इसलिए उन्हें मदिरा यानी शराब का भोग लगाया जाता है।

भैरव की पत्नी का क्या नाम था?

भैरव ब्रह्मचारी हैं उनकी कोई पत्नी नहीं है ।

माता ने भैरव को क्यों मारा?

भैरौंनाथ ने कन्या रूपी मां का हाथ पकड़ लिया लेकिन माता ने अपना हाथ भैरौं के हाथ से छुड़वाया और त्रिकूट पर्वत की ओर चल पड़ी। भैरौं उनका पीछा करते हुए उस स्थान पर आ गए। भैरौं का युद्ध श्री हनुमान से हुआ जब वीर लंगूर निढाल होने लगे तो माता वैष्णो ने महाकाली के रूप में भैरौं का वध कर दिया।

भैरव बाबा का प्रसाद क्या है?

भैरव की पूजा में चने-चिरौंजी, पेड़े, काली उड़द और उड़द से बने मिष्‍ठान्न इमरती, दही बड़े, दूध और मेवा का भोग लगाना लाभकारी है इससे भैरव प्रसन्न होते है।

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