Shri Brahma Aarti पितु मातु सहायक स्वामी सखा भगवान ब्रह्मा की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। भगवान ब्रह्मा की यह प्रसिद्ध आरती भगवान ब्रह्मा से संबंधित अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है। ShriJiDham
Shri Brahma Aarti | श्री ब्रह्मा आरती
॥ आरती श्री ब्रह्मा जी ॥
पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो।
जिनके कुछ और आधार नहीं, तिनके तुम ही रखवारे हो।
सब भाँति सदा सुखदायक हो, दुःख निर्गुण नाशन हारे हो।
प्रतिपाल करो सिगरे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो।
भुलि हैं हम तो तुमको, तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।
उपकारन को कछु अन्त नहीं, छिन ही छिन जो विस्तारे हो।
महाराज महा महिमा तुम्हरी, मुझसे बिरले बुधवारे हो।
शुभ शान्ति निकेतन प्रेमनिधि, मन मन्दिर के उजियारे हो।
इस जीवन के तुम जीवन हो, इन प्राणन के तुम प्यारे हो।
तुम सों प्रभु पाय ‘प्रताप’ हरि, केहि के अब और सहारे हो।
| Shri Brahma Aarti End |
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FaQs About Shri Brahma Aarti
ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?
पुराणों के अनुसार, ब्रह्मा चालीसा का पाठ करने से भगवान ब्रह्मा प्रसन्न होते हैं और जातक की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
हिंदू ब्रह्मा से प्रार्थना क्यों नहीं करते?
भगवान शिव ने ब्रह्मा को अनाचारपूर्ण व्यवहार दिखाने के लिए डांटा और ‘अपवित्र’ व्यवहार के लिए उनका पांचवां सिर काट दिया। चूँकि ब्रह्मा ने उनके मन को आत्मा से हटाकर शरीर की लालसाओं की ओर मोड़ दिया था, इसलिए शिव का श्राप था कि लोगों को ब्रह्मा की पूजा नहीं करनी चाहिए।
ब्रह्मा जी का मूल मंत्र क्या है?
ब्रह्मा जी का ध्यान मंत्र** ॐ ब्रह्मणे नमः | अर्थ – पराशक्ति परब्रह्म परमात्मा को नमस्कार है।
ब्रह्मा मंत्र ॥ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौह सतचिद एकं ब्रह्मो ॥
ब्रह्मा जी की पूजा कौन करता है?
चार चेहरे और चार हाथ एवं चारों हाथों में एक-एक वेद लिए ब्रह्माजी अपने भक्तों का उद्धार करते हैं, लेकिन इस देव की पूजा कोई नहीं करता है।