Dhanvantari Aarti | धन्वन्तरि आरती | Lord Dhanvantari Aarti | Dhanvantari Aarti Lyrics

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Shri Dhanvantari Aarti जय धन्वंतरि देवा भगवान धन्वंतरि की सबसे लोकप्रिय आरती में से एक है। भगवान धन्वंतरि की यह Dhanvantari Aarti भगवान धन्वंतरि से संबंधित अधिकांश अवसरों पर, विशेषकर धन्वंतरि त्रयोदशी पर, पढ़ी जाती है। Shrijidham

Dhanvantari Aarti | जय धन्वन्तरि देवा

Dhanvantari Aarti

॥ आरती श्री धन्वन्तरि जी की ॥

जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा।

जरा-रोग से पीड़ित जन-जन सुख देवा॥

जय धन्वन्तरि देवा…॥

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए॥

जय धन्वन्तरि देवा…॥

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया॥

जय धन्वन्तरि देवा…॥

भुजा चार अति सुन्दर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥

जय धन्वन्तरि देवा…॥

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे॥

जय धन्वन्तरि देवा…॥

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा॥

जय धन्वन्तरि देवा…॥

धन्वन्तरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे॥

जय धन्वन्तरि देवा…॥

| Dhanvantari Aarti End |

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FaQs About Dhanvantari Aarti

धन्वंतरी की पूजा कैसे की जाती है?

दीपक रखने से पूर्व खील या चावल रखकर उसके ऊपर दीपक जलाएं। अब एक कलश में शुद्ध जल लेकर सभी देवताओं को आचमन कराएं और फिर रोली,कुमकुम,हल्दी,गंध,अक्षत,पान,पुष्प,नैवेद्य या मिष्ठान,फल,दक्षिणा आदि उन्हें अर्पित कर प्रणाम करें और अपने रोगों के नाश की कामना करें।

धन्वंतरी भगवान कौन हैं?

भगवान धन्वंतरि श्रीहरि विष्णु के 24 अवतारों में से 12वें अवतार माने गए हैं. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी. 

धन्वन्तरि क्या होता है?

ये एक महान चिकित्सक थे जिन्हें देव पद प्राप्त हुआ। 

धनवंतरी का दूसरा नाम क्या है?

दिवोदास. काशिराज धन्वन्तरि’,

धन्वंतरि की पूजा कब की जाती है?

धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर महाराज की पूजा की जाती है.

भगवान धन्वंतरि को कैसे प्रसन्न करें?

नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें। सायंकाल दीपक प्रज्ज्वलित कर घर, दुकान आदि को सुसज्जित करें। मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं। यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण क्रय करें

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