Ganga Aarti ओम जय गंगे माता, गंगा माता की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती गंगा माता से जुड़े अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है। Shrijidham
Ganga Aarti | Om Jai Gange Mata | ॐ जय गंगे माता
॥ आरती श्री गंगाजी ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
ॐ जय गंगे माता॥
चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता॥
ॐ जय गंगे माता॥
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता॥
ॐ जय गंगे माता॥
एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता।
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता॥
ॐ जय गंगे माता॥
आरती मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता।
सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता॥
ॐ जय गंगे माता॥
| Ganga Aarti |
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गंगा आरती कब होता है?
प्रत्येक शनिवार और रविवार को शाम के 6:30 बजे से आरती शुरू होती है
गंगा आरती कैसे की जाती है?
गंगा आरती की शुरुआत शंखनाद से की जाती है. जिसे लेकर मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है. पुजारी अपने हाथों में बड़े बड़े दीये लेकर मां गंगा की आरती करते हैं. मां गंगा के जयकारे, ढोल नगाड़े की गूंज और आरती की मधुर ध्वनि अपने आप अपलक निहारने पर मजबूर कर देती है
गंगा आरती क्यों प्रसिद्ध है?
मान्यता है कि मन में बस चुकी किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा मां गंगा के तट पर होने वाली गंगा आरती के दौरान खत्म हो जाती है.
गंगा आरती कौन कर सकता है?
केवल विद्वान पंडित ही
कौन सी गंगा आरती बेहतर है हरिद्वार या ऋषिकेश?
हरिद्वार, ऋषिकेश से कहीं ज्यादा लोकप्रिय है ।
क्या हरिद्वार में प्रतिदिन गंगा आरती की जाती है?
दिन में दो बार
गंगा आरती के लिए कौन सा घाट सबसे अच्छा है?
दशाश्वमेध घाट
गंगा मैया का असली नाम क्या है?
भागीरथी
हरिद्वार से गंगा आरती कैसे जाए?
निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार रेलवे स्टेशन है जो हर की पौड़ी से 3 किमी दूर है। यहां पहुंचने के बाद आप टैक्सी या कैब किराये पर ले सकते हैं, गंगा घाट लगभग 20 मिनट की दूरी पर है।