Ravidas Aarti नामु तेरो आरती भजनु मुरारे श्री रविदास की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। श्री रविदास की इस प्रसिद्ध आरती का पाठ श्री रविदास से जुड़े अधिकांश अवसरों पर किया जाता है। ShrijiDham
Ravidas Aarti | नामु तेरो आरती भजनु मुरारे
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॥ आरती श्री रविदास जी की ॥
नामु तेरो आरती भजनु मुरारे, हरि के नाम बिनु झूठे सगल पसारे ।
नाम तेरा आसनो नाम तेरा उरसा, नामु तेरा केसरो ले छिटकारो ।
नाम तेरा अंभुला नाम तेरा चंदनोघसि, जपे नाम ले तुझहि कउ चारे ।
नाम तेरा दीवा नाम तेरो बाती, नाम तेरो तेल ले माहि पसारे ।
नाम तेरे की ज्योति जगाई, भइलो उजिआरो भवन सगलारे ।
नाम तेरो तागा नाम फूल माला, भार अठारह सगल जूठारे ।
तेरो कियो तुझ ही किया अरपउ, नाम तेरो तुही चंवर ढोलारे ।
दस अठा अठसठे चारे खानी, इहै वरतणि है सगल संसारे ।
कहै ‘रविदास’ नाम तेरो आरती, सतिनाम है हरिभोग तुम्हारे ।
| Ravidas Aarti End |
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FaQs About Ravidas Aarti
रविदास जी किसकी पूजा करते थे?
गुरु रविदास राम कृष्ण आदि के भक्त थे, कर्म को ही अपना गुरु मानते थे और उसी की भक्ति करते थे।
संत रविदास जयंती कैसे मनाई जाती है?
इस दिन संत रविदास के अनुयायीयों द्वारा भव्य कार्यक्रम और भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
हम रविदास क्यों मनाते हैं?
रविदास जयंती : संत रविदास एक महान आध्यात्मिक गुरु थे।
रविदास जी का गोत्र क्या है?
राजस्थानी जातियों की खोज’ के लेखक रमेशचन्द्र गुणार्थी ने संत रविदास का जन्म जैसवाल गोत्र के मेघवाल वंश में माना है ।