Katyayani Mata Aarti जय जय अंबे जय कात्यायनी आरती देवी कात्यायनी को समर्पित है जो देवी पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और उनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। ShrijiDham
Katyayani Mata Aarti | जय जय अम्बे जय कात्यायनी
॥ आरती देवी कात्यायनी जी की ॥
जय जय अम्बे जय कात्यायनी । जय जग माता जग की महारानी॥
बैजनाथ स्थान तुम्हारा । वहावर दाती नाम पुकारा॥
कई नाम है कई धाम है । यह स्थान भी तो सुखधाम है॥
हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी । कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥
हर जगह उत्सव होते रहते । हर मन्दिर में भगत है कहते॥
कत्यानी रक्षक काया की । ग्रंथि काटे मोह माया की॥
झूठे मोह से छुडाने वाली । अपना नाम जपाने वाली॥
बृहस्पतिवार को पूजा करिए । ध्यान कात्यानी का धरिये॥
हर संकट को दूर करेगी । भंडारे भरपूर करेगी॥
जो भी माँ को भक्त पुकारे । कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥
| Katyayani Mata Aarti End |
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