Kuber Aarti | कुबेर आरती | Shri Kubera Aarti | kuber aarti lyrics in hindi

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Shri Kuber Aarti ओम जय यक्ष कुबेर हरे आरती (Kuber Aarti) भगवान कुबेर को समर्पित है जिन्हें देवताओं के कोषाध्यक्ष और यक्ष के राजा के रूप में जाना जाता है। वह धन, समृद्धि और वैभव का सच्चा प्रतिनिधित्व है। shrijidham

Om Jai Yaksha Kubera Hare | ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे | Shri Kuber Aarti

Kuber Aarti

॥ आरती श्री कुबेर जी की ॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।

शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।

दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

भाँति भाँति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने।

मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े

अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।

अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे।

कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

| Shri Kubera Aarti End |

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FaQ About Shri Kuber Aarti

कुबेर आरती क्या है?

कुबेर आरती, एक हिन्दू धार्मिक प्रथा है जो भगवान कुबेर को समर्पित की जाती है। भगवान कुबेर हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में धन के देवता के रूप में उपस्थित हैं और वे धन के रखवाले माने जाते हैं। कुबेर आरती का उद्देश्य उनके पूजन और स्तुति का होता है और धन, संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए कुबेर की कृपा को प्राप्त करने की कामना की जाती है।

कुबेर आरती कैसे की जाती है?

कुबेर आरती(Kuber Aarti) को ध्यानपूर्वक और श्रद्धा भाव से पढ़ा जाता है। यह आरती कई भाषाओं में उपलब्ध होती है, जैसे कि संस्कृत, हिन्दी, गुजराती, मराठी, और अन्य भाषाओं में। आरती के शब्दों को ध्यान से पढ़ने और गुणगान करने से व्यक्ति भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त कर सकता है, जिससे धन और संपत्ति में वृद्धि हो सकती है।

कुबेर आरती के बोल क्या हैं?

कुबेर आरती(Kuber Aarti) के बोल विभिन्न स्त्रोत्रों और पौराणिक ग्रंथों से लिए गए हैं, और इनमें कुबेर की महिमा, गुण, और शक्तियों की महत्वपूर्ण विशेषताओं की चर्चा की जाती है। यह आरती भगवान कुबेर की पूजा करने वालों द्वारा उनकी स्तुति के रूप में पढ़ी जाती है, जिससे वे धन और संपत्ति की आराधना करते हैं।

क्या कुबेर आरती का विधान हर दिन करना चाहिए?

कुबेर आरती(Kuber Aarti) को धन, संपत्ति, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किसी भी विशेष दिन पढ़ा जा सकता है, लेकिन यह अधिकांश लोग हर शुक्रवार को करते हैं, क्योंकि शुक्रवार को भगवान कुबेर का दिन माना जाता है। यह आरती व्यक्ति के विशेष प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के आधार पर किसी भी समय पढ़ी जा सकती है।

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