Mangalwar Ki Aarti | Hanuman Ji Ki Arti | मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता | Mangalwar Aarti | Mangalwar Ki Aarti Lyrics

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Mangalwar Ki Aarti मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है। भगवान हनुमान के अलावा, मंगलवार भगवान गणेश, देवी दुर्गा और देवी काली को भी समर्पित है।

चूंकि कार्यदिवस मंगलवार पर मंगल ग्रह का शासन है, इसलिए भक्त मंगलवार के देवता भगवान मंगल की भी पूजा करते हैं। दक्षिण भारत में, कार्यदिवस मंगलवार भगवान मुरुगन को समर्पित है।

लेकिन भगवान हनुमान सबसे लोकप्रिय देवता हैं जिनकी पूजा मंगलवार को की जाती है। इसलिए, हमने भगवान हनुमान की सबसे लोकप्रिय Mangalwar Ki Aarti दी है। मंगलवार को, भक्त भगवान हनुमान का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं।

भगवान हनुमान Mangalwar Ki Aarti पूजा अनुष्ठान का अभिन्न अंग है और अंत में देवता की महिमा करने और पूजा के समापन के लिए गाई जाती है।

Mangalwar Ki Aarti | आरती कीजै हनुमान लला की

Mangalwar Ki Aarti

॥ आरती श्री हनुमानजी ॥

आरती कीजै हनुमान लला की भगवान हनुमान की सबसे प्रसिद्ध आरती है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान हनुमान से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥

लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥

लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज सवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि संजीवन प्राण उबारे॥

पैठि पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावण की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे॥

सुर नर मुनि आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें॥

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई॥

जो हनुमानजी की आरती गावे। बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥


॥ हनुमानजी की आरती ॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता भगवान हनुमान की एक और लोकप्रिय आरती है। यह आरती भगवान हनुमान से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता। मंगल-मंगल देव अनन्ता॥

हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजे।

शंकर सुवन केसरी नन्दन, तेज प्रताप महा जग वन्दन॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

लाल लंगोट लाल दोऊ नयना, पर्वत सम फारत है सेना।

काल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

भूमि पुत्र कंचन बरसावे, राजपाट पुर देश दिवावे।

शत्रुन काट-काट महिं डारे, बन्धन व्याधि विपत्ति निवारें॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक तें कांपै।

सब सुख लहैं तुम्हारी शरणा, तुम रक्षक काहू को डरना॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

तुम्हरे भजन सकल संसारा, दया करो सुख दृष्टि अपारा।

रामदण्ड कालहु को दण्डा, तुम्हरे परस होत जब खण्डा॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

पवन पुत्र धरती के पूता, दोऊ मिल काज करो अवधूता।

हर प्राणी शरणागत आये, चरण कमल में शीश नवाये॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

रोग शोक बहुत विपत्ति घिराने, दरिद्र दुःख बन्धन प्रकटाने।

तुम तज और न मेटनहारा, दोऊ तुम हो महावीर अपारा॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

दारिद्र दहन ऋण त्रासा, करो रोग दुःख स्वप्न विनाशा।

शत्रुन करो चरन के चेरे, तुम स्वामी हम सेवक तेरे॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

विपत्ति हरण मंगल देवा, अङ्गीकार करो यह सेवा।

मुदित भक्त विनती यह मोरी, देऊ महाधन लाख करोरी॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

श्री मंगल जी की आरती हनुमत सहितासु गाई।

होई मनोरथ सिद्ध जब अन्त विष्णुपुर जाई॥

मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता॥

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| Mangalwar Ki Aarti End |

FaQS About Mangalwar Ki Aarti

हनुमान जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?

ॐ नमो भगवते हनुमते नम:

हनुमान जी की पूजा करने का सही समय क्या है?

शाम के समय हनुमानजी लंका से लौटकर आ जाते हैं। इसलिए शाम के समय हनुमानजी की Mangalwar Ki Aarti फलदायी होती है।

हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करना चाहिए?

सुबह 4 से रात 9 बजे तक उनकी पूजा का विधान बताया गया है।

बजरंगबली की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए?

सुबह 4 से रात 9 बजे तक उनकी पूजा का विधान बताया गया है। 

हनुमान जी की रोज पूजा कैसे करें?

हनुमान जी की पूजा लाल रंग के फूल, फल, धूप, दीप, सिंदूर आदि चीजों से करें। इस समय हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। अगर समय है, तो सुंदर काण्ड का पाठ अवश्य करें। अंत में आरती अर्चना कर सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति की कामना करें

हनुमान जी से प्रार्थना कैसे करें?

रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए। हनुमान चालीसा का रोजाना पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है

हनुमान जी का गुप्त मंत्र क्या है?

ओम नमो भगवते हनुमते नम: यदि परिवार में हमेशा क्लेश रहता है, तो ऐसे में आपको हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

हनुमान जी को कौन सा फल पसंद है?

लाल रंग का फल उन्‍हें कुछ ज्‍यादा ही पसंद है।

हनुमान जी प्रसन्न होने पर क्या संकेत देते हैं?

जब हाथ में दिखती है मंगल रेखा

हनुमान जी को कौन सी माला पसंद है?

आप गेंदे के फूल की माला अर्पित कर सकते हैं.

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