Narsingh Bhagwan Ki Aarti ओम जय नरसिंघ हरे आरती भगवान नरसिम्हा को समर्पित है। यह भगवान नृसिंह की लोकप्रिय आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती नरसिम्हा जयंती सहित भगवान नरसिम्हा से संबंधित अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है।
आरती किजै नरसिंघ कुँवर की, भगवान नरसिम्हा की एक और लोकप्रिय आरती है। Shri Ji Dham
श्री नरसिंह भगवान की आरती | Narsingh Bhagwan Ki Aarti

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,
जन का ताप हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर,
प्रकटे भय हारी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी, प्रभु दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो, दास जान अपनायो,
जन पर कृपा करी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे,प्रभु माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर,पुष्पन बरसावे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
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FaQs About Narsingh Bhagwan Ki Aarti
नरसिंह भगवान की आरती क्या होती है?
नरसिंह भगवान की आरती एक पूजा पद्धति है जिसमें विष्णु के नरसिंह अवतार की महिमा का गान किया जाता है। यह आरती भक्तों द्वारा भगवान के समर्पण और पूजा के साथ पढ़ी जाती है।
नरसिंह भगवान की आरती कब पढ़ी जाती है?
नरसिंह भगवान की आरती विशेष रूप से नरसिंह जयंती, होली और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक अवसरों पर पढ़ी जाती है। इसके अलावा, भक्त इसे रोज़ाना भी पढ़ सकते हैं।
नरसिंह भगवान की आरती कैसे पढ़ी जाती है?
नरसिंह भगवान की आरती को पूजा के समय विधिवत तरीके से पढ़ा जाता है। आरती के पाठ के बाद प्रासाद चढ़ाया जाता है और भक्त भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं.
नरसिंह भगवान की आरती क्या महत्व है?
नरसिंह भगवान की आरती का पाठ उनके भक्तों के लिए उनके आशीर्वाद और संरक्षण की मांग करने का एक तरीका होता है। इसके माध्यम से भक्त अपने भय और संकट से मुक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं.
क्या नरसिंह भगवान की आरती के लिए कोई विशेष समय होता है?
नरसिंह भगवान की आरती को प्रात: काल या सन्ध्या काल में पढ़ा जा सकता है, हालांकि विशेष अवसरों पर इसे पढ़ने के लिए विशेष समय निर्धारित किया जा सकता है।