Pretraj Sarkar Ki Aarti आरती प्रेतराज की किजाई श्री प्रेतराज की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। श्री प्रेतराज की इस प्रसिद्ध आरती का पाठ श्री प्रेतराज से संबंधित अधिकांश अवसरों पर किया जाता है। ShrijiDham
Pretraj Sarkar Ki Aarti | दीन दुखिन के तुम रखवाले
॥ आरती प्रेतराज की कीजै ॥
दीन दुखिन के तुम रखवाले, संकट जग के काटन हारे।
बालाजी के सेवक जोधा, मन से नमन इन्हें कर लीजै।
जिनके चरण कभी ना हारे, राम काज लगि जो अवतारे।
उनकी सेवा में चित्त देते, अर्जी सेवक की सुन लीजै।
बाबा के तुम आज्ञाकारी, हाथी पर करे असवारी।
भूत जिन्न सब थर-थर काँपे, अर्जी बाबा से कह दीजै।
जिन्न आदि सब डर के मारे, नाक रगड़ तेरे पड़े दुआरे।
मेरे संकट तुरतहि काटो, यह विनय चित्त में धरि लीजै।
वेश राजसी शोभा पाता, ढाल कृपाल धनुष अति भाता।
मैं आनकर शरण आपकी, नैया पार लगा मेरी दीजै।
| Pretraj Sarkar Ki Aarti End |
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FaQs About Pretraj Sarkar Ki Aarti
प्रेतराज किसका अवतार है?
श्री हनुमान जी ने भी ऋषि नीलासुर को अपना महामन्त्री घोषित करते हुए आकाश गामी सूक्ष्म शक्तियों का आधिपत्य करने को कहा और उन्हें प्रेतराज सरकार की उपाधि से विभूषित कर दिया।
प्रेतराज सरकार को कैसे सिद्ध करें?
हवन पूर्ण होने के बाद हवन देव को प्रणाम करें दक्षिणा हाथ में लेकर जो भी गलतियां होउसकी क्षमा मांगते हुए दक्षिणा अपने पूजा में रख दे! अब खड़े होकर आरती करें! आरती :- जय प्रेतराज कृपालु मेरी, अरज अब सुन लीजिये । मैं शरण आपकी आ गया हूँ, नाथ दर्शन दीजिये ।
प्रेत मंत्र क्या होता है?
प्रेत बाधा निवारक हनुमत मंत्र – ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत–प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा।