Sai Baba Aarti आरती श्री साईं गुरुवर की, संत साईं बाबा की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। संत साईं बाबा की यह प्रसिद्ध आरती संत साईं बाबा से जुड़े अधिकांश अवसरों पर पढ़ी जाती है। ShrijiDham
Sai Baba Aarti | आरती श्री साईं गुरुवर की
॥ श्री साईं बाबा आरती ॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
जा की कृपा विपुल सुखकारी, दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
शिरडी में अवतार रचाया, चमत्कार से तत्व दिखाया।
कितने भक्त चरण पर आये, वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
भाव धरै जो मन में जैसा, पावत अनुभव वो ही वैसा।
गुरु की उदी लगावे तन को, समाधान लाभत उस मन को॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
साईं नाम सदा जो गावे, सो फल जग में शाश्वत पावे।
गुरुवासर करि पूजा-सेवा, उस पर कृपा करत गुरुदेवा॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
राम, कृष्ण, हनुमान रुप में, दे दर्शन, जानत जो मन में।
विविध धर्म के सेवक आते, दर्शन कर इच्छित फल पाते॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
जै बोलो साईं बाबा की, जै बोलो अवधूत गुरु की।
‘साईंदास’ आरती को गावै, घर में बसि सुख, मंगल पावे॥
आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
| Sai Baba Aarti End |
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FaQs About Sai Baba Aarti
साईं बाबा कौन से धर्म से आते हैं?
साई पूर्णत: एक मुस्लिम फकीर थे और मुसलमानों की तरह ही उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन-यापन किया।
साईं बाबा के पीछे की कहानी क्या है?
उनका जन्म 27 सितंबर 1838 को तत्कालीन आंध्रप्रदेश के पथरी गांव में हुआ था और उनकी मृत्यु 28 सितंबर 1918 को शिर्डी में हुई।
साईं बाबा का असली नाम क्या है?
साईंबाबा का मूल नाम हरिभाऊ भुसारी था.
क्या साईं बाबा हिंदू थे?
बाबा का लालन-पालन एक मुसलमान फकीर के द्वारा हुआ था, परंतु बचपन से ही उनका झुकाव विभिन्न धर्मों की ओर था लेकिन किसी एक धर्म के प्रति उनकी एकनिष्ठ आस्था नहीं थी।