Surya Dev Aarti जय कश्यप-नन्दन भगवान सूर्य की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान सूर्य से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है। Shri JI Dham
आरती श्री सूर्य जी | Surya Dev Aarti
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
| Shri Surya Deva Aarti End |
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FaQs About Surya Deva Aarti
श्री सूर्य आरती क्या है?
श्री सूर्य आरती एक पूजा प्रक्रिया है जिसमें सूर्य देवता की पूजा और आराधना की जाती है। यह एक धार्मिक अद्भुति है जो सूर्य को प्राकृतिक शक्तियों के प्रतीक के रूप में मानने वाले लोगों के बीच प्रचलित है।
श्री सूर्य आरती कब और कैसे की जाती है?
श्री सूर्य आरती सुबह और शाम को किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय इसे करना विशेष रूप से पुण्यमय होता है। इसके लिए एक विशेष आरती ग्रंथ या उपदेशक से मदद ली जा सकती है।
सूर्य जी की आरती के क्या फायदे होते हैं?
सूर्य आरती(Surya Dev Aarti) का पाठ करने से विशेष रूप से सूर्य देव की कृपा मिलती है, और जीवन में उनके आशीर्वाद से स्वास्थ्य, सुख, संपत्ति और सफलता मिलती है।
सूर्य आरती का महत्व क्या है?
सूर्य आरती(Surya Dev Aarti) का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती है, और उनके जीवन में स्थिरता और सौभाग्य आता है। यह आरती सूर्य देव की पूजा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।